Mahabharat - Me Samy Hu | में समय हु
में समय हु...अर्जुन के प्रश्न केवल अर्जुन के लिए नहीं हे ये प्रश्न तो पिछले युग के लिए भी प्रासंगिक थे आज के लिए भी प्रासंगिक हे और आने वाले युगों के लिए भी प्रांगिक रहेंगे.
जब तक में हु तब तक इन प्रश्नों का सामना करना पड़ता रहेगा इसीलिए कोई ये न पूछे के ये प्रश्न केवल कुंती पुत्र अर्जुन के थे में बिता हुआ कल भी था आज भी हु और आने वाला कल भी हु
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥
Posted by
ICANSPIRIT
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January 26, 2017