Pannag Astra | पन्नग अस्त्र | अस्त्र शस्त्र | शम्बरासुर ने शिवजी के पन्नगि अस्त्र का प्रयोग किया

                            पन्नग इससे सर्प पैदा होते हैं। इसके प्रतिकार स्वरूप गरुड़ बाण छोड़ा जाता है।


पन्नग अस्त्र का प्रयोग पौराणिक समय में युद्धों आदि में किया जाता था। यह एक प्रकार का बाण था, जिसके प्रयोग से सांप ही सांप पैदा हो जाते थे। इन सर्पों को शत्रु की सेना पर छोड़ा जाता था। ये वे आयुध हैं, जो मन्त्रों से चलाये जाते हैं।
प्रत्येक शस्त्र पर भिन्न-भिन्न देव या देवी का अधिकार होता है और मन्त्र-तन्त्र के द्वारा उसका संचालन होता है। वस्तुत: इन्हें दिव्य तथा मान्त्रिक-अस्त्र कहते हैं।
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