जब कृष्ण और बलराम पुनर्दत्त को लेने यमलोक पोहचे | शंखासुर का वध | पांचजन्य शंख की प्राप्ति | KRISHNA BALRAM MEET YAMA IN YAMLOK | | संदीपनी मुनि गुरुदक्षिणा
कृष्ण ने अपने गुरु संदीपन को गुरु दक्षिणा में गुरु पुत्र को वापस लाने का वचन दिया था
गुरु संदीपन के आश्रम में कृष्ण-बलराम और सुदामा ने वेद-पुराण का अध्ययन प्राप्त किया था।कृष्ण को अद्वितीय मान गुरु दक्षिणा में संदीपन ने कृष्ण से मांगा कि उनका पुत्र पुनर्दत्त सागर में कहि खो गया था, वे उसे वापस ला दे। बलराम और कृष्ण प्रभास क्षेत्र के समुद्र तट पर गए और सागर जल से कहा कि वे गुरु के पुत्र को लौटा दें। सागर ने उत्तर दिया और बोला कि यहाँ पर कोई बालक नहीं है। सागर ने बताया कि पंचजन नामक सागर दैत्य, जो शंखासुर नाम से भी प्रसिद्ध है, उसने सम्भवतया बालक को चुरा लिया होगा। । पंचजन राक्षस की तलाश में श्री कृष्ण सागर में उतरे और उन्होंने उसका वध किया।
कृष्ण बालक की खोज में सागर में उतरे, दैत्य को तलाशा और उसे मार डाला। दैत्य का उदर चीरा तो कृष्ण को वहाँ पर कोई बालक नहीं मिला। शंखासुर के शरीर का शंख लेकर कृष्ण और बलराम यम के पास पहुँचे। यमलोक में शंख बजाने पर अनेक गण उत्पन्न हो गए। यमराज ने कृष्ण की माँग पर गुरु पुत्र उन्हें लौटा दिया। वे बालक के साथ गुरु संदीपन के पास गए और गुरु पुत्र के रूप में गुरु को गुरु दक्षिणा दी।
Posted by
ICANSPIRIT
at
April 08, 2017