प्रारब्ध क्या हे कैसे बनती हे और उसे कौन बनाता हे ? | निष्काम कर्म योग | NISHKAM KARMA YOGA

श्रीमद भगवद गीता अनुसार कर्म और कर्मयोगी की परिभाषा प्रारब्ध क्या हे कैसे बनती हे और उसे कौन बनाता हे ? | निष्काम कर्म योग किसे कहते हे


श्रीमद भगवद गीता अनुसार कर्म और कर्मयोगी की परिभाषा प्रारब्ध क्या हे कैसे बनती हे और उसे कौन बनाता हे ? | निष्काम कर्म योग किसे कहते हे

प्रारब्ध में न हो तो मुँह तक पोहकचर भी निवाला छीन जाता हे
सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ ।
ततो युद्धाय युज्यस्व नैवं पापमवाप्स्यसि ।। 

कर्मण्ये वाधिका रस्ते मा फलेषु कदाचन । 
मा कर्म फल हेतुरभुह, माँ ते संगोत्स्व कर्मण्ये।।